शनि की साढ़ेसाती

30 June, 2018
शनि की साढ़ेसाती

शनि की साढ़ेसाती जनित कष्टों से बचाव

वर्तमान में शनिदेव ही ऐसे ग्रह हैं जिनका नाम सुनते ही कोई भी जातक भयभीत हो जाता है | भयभीत होना स्वाभाविक भी है क्योकि शनिदेव ही ऐसे ग्रह है जो दण्डनायक हैं | ये जातक के अच्छे-बुरे कर्मो का शुभाशुभ फल देने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखते है | शुभफल देते है तो मुक्त हस्त से इतना देते हैं कि लेने वाला संभाल नहीं पाता और जब अशुभफल देते है तो बिना कोई दया दिखाये अत्यधिक कठोर दण्ड देकर ऐसा प्रताड़ित करते है कि जातक का जीवन भयंकर कठिनाइयों से भर जाता है | उन जातकों को शनिदेव की दण्ड प्रक्रिया के भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है जो किसी का अहित नहीं करते, किसी के साथ धोखाधड़ी नहीं करते या अपने माता-पिता का अपमान नहीं करते और अपनी जिम्मेदारी से मुहँ नहीं मोड़ते हैं | ऐसे जातकों पर शनिदेव कृपा अवश्य करते हैं परन्तु उनकी परीक्षा लेने के बाद | शनिदेव अपने भक्तों पर प्रसन्न भी अतिशीघ्र हो जाते है | शनिदेव को प्रसन्न करने का मै आपको अत्यंत सुगम उपाय बता रहा हूं | इस उपाय को करने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि आप अपने कर्तव्यों, दायित्वों एवं परिश्रम से मुहँ नहीं मोड़ते है तो आपको उपाय का शीघ्र एवं पूर्णफल प्राप्त होता है | यह उपाय आपको प्रति शनिवार करना है |

इस उपाय को करने हेतु शुक्रवार रात्रिशयन से पूर्व स्टील की कटोरी में सरसों का तेल लगभग 50 ग्राम, 5 लौंग, थोड़े से काले उड़द एवं काले तिल तथा लोहे का छल्ला डालकर अपने पलंग के नीचे सिर की तरफ ढक्कन से ढक कर रख दें | यदि आप जमीन पर बिस्तर लगा कर सोते है तो उसे सिरहाने की तरफ सुरक्षित रख दें | इसके साथ एक लोटा जल भी भरकर रख दें | शनिवार प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर शनिदेव को प्रणाम करें | अन्य कोई भी कार्य करने से पहले कटोरी का ढक्कन हटाकर अपना चेहरा उस तेल में देखे और पुनः ढक्कन से ढक दें | स्नानादि के पश्चात् जल में थोड़ी सी चीनी अथवा दो बताशे डाल लें | कटोरी एवं तेल के दीपक के साथ जल लेकर पीपल वृक्ष के समीप जायें | वहां जाकर पश्चिम की तरफ मुख करके पीपल पर जल चढ़ाकर तेल चढायें एवं तेल का दीपक प्रज्वलित करें | शनिदेव को प्रणाम करके खड़े-खड़े ॐ प्रां प्रीं प्रौं शनये नमः का 21 बार जप करें | मंत्रजप के पश्चात् दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें | घर आकर हाथ-मुहँ धो लें | उस दिन चाहें तो एक समय भोजन करें | किसी अपाहिज अथवा असहाय व्यक्ति को भोजन करायें या खाने की सामग्री दिलाएं | पैसा भूलकर भी न दें | ऐसा कम से कम 11 शनिवार या साढ़ेसाती काल में प्रति शनिवार करते रहने से आप पर शनिदेव की कृपा बनी रहेगी एवं आप अशुभता से बचे रहेंगे |


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