गृह प्रवेश के लिए वास्तु

प्रवेश द्वार वह स्थान है, जहां से नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ऊर्जाओं का प्रवेश होता है। आप निश्चित रूप से चाहते हैं कि आपका घर सकारात्मकता और समृद्धि से भरा हो। इसे प्राप्त करने के लिए आपको मुख्य द्वार वास्तु के कुछ सिद्धांतों को लागू करने की आवश्यकता है। मुख्य द्वार की स्थिति घर के वास्तु में एक प्रमुख भूमिका निभा सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सामने के दरवाजे को डिजाइन करने के लिए लकड़ी को एक शुभ सामग्री माना जाता है। मुख्य द्वार उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी से बना होना चाहिए। कोई भी किस्म चुन सकता है, जैसे सागौन की लकड़ी या होन की लकड़ी। नारियल या पीपल के पेड़ की लकड़ी का प्रयोग न करें।

गृह प्रवेश के लिए कौन सी दिशा शुभ है?

मुख्य द्वार/प्रवेश द्वार हमेशा निम्नलिखित दिशाओं में होना चाहिए:-

  1. उत्तर
  2. पूर्व
  3. दक्षिण
  4. पश्चिम

चूंकि ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं।

मुख्य द्वार को निम्नलिखित दिशा में रखने से बचें:-

  1. एसएसडब्ल्यू
  2. ईएसई
  3. डब्ल्यूएनडब्ल्यू
  4. एनएनडब्ल्यू