महाशिवरात्रि के दिन क्या करें, क्या ना करें

महाशिवरात्रि के दिन क्या करें, क्या ना करें
20 February, 2020
महाशिवरात्रि के दिन क्या करें, क्या ना करें

महाशिवरात्रि

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थेइसलिए दिन को महा​शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट मिट जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कैसे पूजा की जाए और पूजा की क्या सामग्री होनी चाहिएयह एक बड़ा प्रश्न है। हम आपको बता रहे हैं कि ​महाशिवरात्रि की पूजा विधिसामग्रीमंत्रकथा और शिव चालीसा के बारे में।

पूजा सामग्री

इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी शुक्रवार को है। शिवरात्रि पूजन सुबह 4 बजे से 11 बजे तक है और रुद्राभिषेक करना आवश्यक है| महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व ही पूजा सामग्री का प्रबंध कर लेना अच्छा रहेगा। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको पूजा सामग्री में भांगमदारधतूरागाय का दूधचन्दनरोलीमौलीचावलकपूरबेलपत्रकेसरदहीशहदशर्कराफलगंगाजलजनेऊइत्रकुमकुमपुष्पमालाखसशमी पत्ररत्न-आभूषणपरिमल द्रव्यइलायचीलौंगसुपारीपानदक्षिणा और बैठने के लिए आसन आदि का प्रबंध करना होगा।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि के प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल पर पूजा सामग्री रख लें। अपने बैठने का आसन ऐसे रखें कि आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रहे। अब आप वेदी पर कलश स्थापना करके भगवान शिव एवं नंदी की मूर्ति स्थापित करें। अब ए​क पात्र में जल भरकर पंचामृत बनाएं। अब भगवान शिव को जल से अभिषेक करें और भांगधतुराशमी का पत्ताबेलपत्रअक्षत्गाय का दूधलौंगचंदनकमलगट्टा समेत अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें। नंदी को भी पूजा सामग्री चढ़ाएं। धूपगंध आदि भगवान शिव को चढ़ाएं। बेलपत्र को उल्टा करके भगवान शिव पर चढ़ाएं। ये सभी वस्तुएं अर्पित करते समय ओम नम: शिवाय मंत्रोच्चार करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें। अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से भगवान शिव की आरती उतारें। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखें और फलाहार करते हुए सायंकाल या रात्रिकाल में शिवजी की स्तुति पाठ करें। रात्रि जागरण करते हैं तो चार आरती के विधान का पालन करें। इस दिन शिव पुराण का पाठ करें तो भी उत्तम होगा।

शिव एकादशाक्षरी मंत्र

ओम नम: शिवाय शिवाय नम:। पूजा के बाद इस मंत्र का अधिक से अधिक बार जाप करने से वर्ष भर आप पर शिव कृपा बनी रहेगी।

शिव स्तुति मंत्र

ओम नम: श्म्भ्वायच मयोंभवायच

नम: शंकरायच मयस्करायच

नम: शिवायच शिवतरायच।।

शिव चालीसा का पाठ अवश्य करे?

महाशिवरात्रि के दिन क्या करें?

1. महाशिवरात्रि के दिन व्रत करें।
2 . सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और साफ़ सुथरे कपडे पहने।
3. शुभ काल में मंदिर जाकर महादेव को जल और दूध अर्पण करें।
4. इस दिन शिव जी का ध्यान कर ओम नमः शिवाय का जाप करें।
5. इस दिन भोजन ग्रहण नहीं करते है। इस लिए अगर आप ने व्रत किया हैं तो सिर्फ दूध और केले का सेवन कर सकते है। और अगर हो सके तो पूरा दिन सिर्फ फल खाये और दूसरा दिन व्रत छोड़े। अगर अगर आप से नहीं हो पाए तो एक समय आप भोजन कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि क्या ना करें?

1. महाशिवरात्रि के दिन मास या मदिरा नहीं लेना या खाना चाहिए।
2 . महाशिवरात्रि के दिन देर तक सोना नहीं चाहिए।
3. महाशिवरात्रि के दिन दालचावल या गेहू से बने नहीं खाये। इस दिन आप सिर्फ फलदूधचाय और कॉफ़ी ले सकते है।
4. अगर आप शिवजी को प्रसन्ना करना चाहते हैं तो इस दिन काले कपडे नहीं पहने।
5. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिवजी को चढ़ाया हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।

महाशविरात्रि वाले दिन करें महामृत्युंजय मंत्र का जप

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ । महामृत्युंजय मंत्र का जप आपको हर मुश्किल से दूर रखता है।

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