विवाह और बच्चे

सप्तम भाव कानूनी एवं सामाजिक मान्यता प्राप्त विवाह का है, दूसरा भाव विवाह के फल स्वरूप कुटुम्ब में कमी या बढ़त का है तथा एकादश भाव लम्बी मित्रता एवं लगाव का है। सप्तम भाव कानूनी एवं सामाजिक मान्यता प्राप्त विवाह का है, दूसरा भाव विवाह के फल स्वरूप कुटुम्ब में कमी या बढ़त का है तथा एकादश भाव लम्बी मित्रता एवं लगाव का है।

कृष्णामूर्ति पद्धति में यदि सप्तम भाव का उपनक्षत्र जिस ग्रह के नक्षत्र में है यदि वह दूसरे, सप्तम, या एकादश भाव का कारक है तो उसकी शादी होती है, अन्यथा नहीं।

यदि 4, 6, 10 या 12 भाव का कारक है तो उसकी शादी नहीं होती।

यदि 2, 7 या 11 भाव का कारक होते हूए भी 4, 6, 10, 12 का भी कारक है तो शादी तो होती है किन्तु वैचारिक मतभेद होने के कारण तलाक या सम्बन्ध विच्छेद हो जाता है।

यदि सप्तम भाव का उप नक्षत्र बुध है तो उसकी दो शादियों की सम्भावना रहती है।

यदि सप्तम भाव का उपनक्षत्र बुध के नक्षत्र में हो तो भी 2 शादियो की सम्भावना रहती है।

यदि सप्तम भाव का उपनक्षत्र जिस ग्रह के नक्षत्र में हो वह द्विशरीरी राशियों 3, 9 या 12 वीं राशि में स्थित हो तो भी 2 शादियों की सम्भावना रहती है।

दूसरी शादी के लिये द्वितीय भाव का उपनक्षत्र जिस ग्रह के नक्षत्र में है वह यदि सप्तम भाव का कारक है तो दूसरी शादी होती है अन्यथा नहीं। यदि वह एकादश भाव का कारक है तो वह पत्नी के रहते या न रहते हुए भी रखैल रखता है।

किससे किसकी शादी होगी:-

सप्तम भाव का राशि स्वामी, नक्षत्र स्वामी व उपनक्षत्र स्वामी एक दूसरे के जन्म के शासक ग्रह होने चाहिए।

कन्या की कुण्डली में सप्तम भाव का राशि स्वामी मंगल, नक्षत्र स्वामी शनि व उपनक्षत्र स्वामी गुरू है। गुरू केतू के नक्षत्र तथा शुक्र्र के उपनक्षत्र में है। उपरोक्त ग्रह पुरुष के जन्म समय के शासक ग्रह होने चाहिए। इसी प्रकार पुरुष के सप्तम भाव के कारक कन्या के जन्म के शासक ग्रह हों तो उनकी शादी होती है।

इस लड़की की कुण्डली में सप्तम भाव में राशि स्वामी मंगल, नक्षत्र स्वामी शनि एवं उपनक्षत्र स्वामी गुरू है, गुरू केतू के नक्षत्र तथा शुक्र के उपनक्षत्र में है, यह ग्रह लड़के के जन्म के शासक ग्रह होने चाहिए, तभी उस लड़के से शादी होनी चाहिए अन्यथा नहीं। अब देखें यह ग्रह मिलते हैं या नहीं। लड़का कुम्भ लग्न में पैदा हुआ है। राशि स्वामी शनि है, मंगल सातवें भाव में है, गुरू चन्द्र राशीष हैं, चन्द्र शुक्र के नक्षत्र में है, केतू शनि के साथ बैठा है और मंगल का द्योतक है क्योंकि केतू वृश्चिक राशि में बैठा है अतः लड़की के सप्तम भाव के कारक लड़के के जन्म के शासक ग्रह हैं।

प्रेम विवाह

संतान के जन्म के नियम:- एक व्यक्ति संतान पैदा करने में सक्षम होगा यदि निम्नलिखित तीन शर्तों को एक साथ पूरा किया जाए।

  1. पंचम भाव का स्वामी वक्री नहीं होना चाहिए।
  2. पंचम भाव के उप स्वामी को वक्री ग्रह के नक्षत्र में नहीं होना चाहिए।
  3. उप-स्वामी को 2 वें, 5 वें या 11 वें घर का संकेत देना चाहिए।
  4. ज्योतिषियों से बहुत अधिक कठिनाई के बिना पिछली घटनाओं को सही ठहराने की अपेक्षा की जाती है। ज्योतिषी की असली परीक्षा तब होती है जब वह भविष्य की भविष्यवाणी करता है।

बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया

बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया बंबई में 26/03/1969 को शाम 06ः30 बजे एक दम्पति मेरे पास यह जानने के लिए आये कि उन्हें संतान होगी या नहीं ? ज्योतिष में कृष्णामूर्ति पद्धति ऐसे प्रश्नों के सटीक उत्तर देने मे सक्षम है। क्या उन्हें संतान गोद लेनी होगी ? प्रश्न - कुंडली बनाने के लिए उन से 1 और 249 के बीच कोई संख्या पूछी तो उन्हों 247 नंबर दिया । 247 नम्बर की प्रश्न कुण्डली ने यह रहस्योद्घाटन किया। जातक में प्रजनन क्षमता है या नहीं इसके लिए जातक का 5वां भाव महत्वपूर्ण होता है। 11वां भाव जीवनसाथी के भाव (7वां) से 5वां भाव है । अतः 11वां भाव जीवनसाथी की प्रजनन क्षमता दर्शाता है। यदि 5वें तथा 11वें भाव प्रारम्भ (कस्प) अनुकूल नहीं हैं तो पति पत्नी दोनों बंध्य हैं। ऐसे दम्पति यदि बच्चा चाहते हैं तो किसी बच्चे को गोद लेने के अतिरिक्त उनके पास कोई रास्ता नहीं हैं।

जन्म समय निर्धारित करने के लिए 2, 5 तथा 11 भावों के कारकों को देखना चाहिए। इन्हीं कारकों की समकालीन दशांतर प्रत्यंतर में ही जातक के बच्चे का जन्म होगा। कोई भी व्यक्ति तभी प्रजनन योग्य होगा जब कुंडली में यह तीनों परिस्थितियां एक साथ पूरी हो रही हों -

  1. 5वें भाव का उपस्वामी वक्री न हो।
  2. 5वें भाव का उपस्वामी वक्री ग्रह के नक्षत्र में न हो।
  3. यह उपस्वामी 2, 5 या 11वें भाव का कारक हो।
  4. यदि उपरोक्त तीनों में से कोई भी एक परिस्थिति पूरी नहीं हो रही हो तो जातक बंध्य होगा। जीवन साथी की प्रजनन क्षमता के निर्धारण के लिए 11वें भाव का उपस्वामी देखना चाहिए कि उपरोक्त तीनों शर्तें एक साथ पूरी हो रहीं हैं या नहीं।