ज्योतिष

ज्योतिष का मानव-जीवन में बहुत बड़ा महत्व है| ज्योतिष वेद के छ: अंगो में से एक है जिसको वेदों का नेत्र कहा गया है| इस विद्या का विशेष उपयोग यज्ञ-अनुष्ठान और वैदिक संस्कार के सफल संपादन के लिए किया जाता है|

महूर्त और शुभ समय के अभाव में बड़े-बड़े यज्ञ, अनुष्ठान निष्फल हो जाते है|

इस ज्योतिष को दो भागों में विभाजित किया गया है:-

  1. सीमांत-ज्योतिष
  2. फलित ज्योतिष

फलित व गणित ज्योतिष का सही उपयोग करके किसी जातक के जीवन में होने वाली घटनाओं क पूर्वाभास एक सफल ज्योतिषी का हो जाता है| अत: ज्योतिष का उचित उपयोग करके आने वाली दुर्घटनाओें का निस्तारण किया जा सकता है और इसका समुचित प्रयोग करके शुभ  को और भी शुभ किया जा सकता है|