सात मुखी

सात मुखी


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इसके देवता सप्तऋषि है इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा धन-संपत्ति, कीर्ति प्राप्त होती है| सोने की चोरी की है, गोवध किए है अथवा अनेक प्रकार के सैंकड़ो पाप किए है उनको यह पवित्र बना देता है| यह रुद्राक्ष पाप नाशक एवम भूमि प्रदाता है| सात मुखी रूद्राक्ष महालक्ष्मी का स्वरूप माना गया है यह शनि द्वारा संचालित होता है| आर्थिक, शारीरिक और मानसिक विपत्तियों से ग्रस्त लोगों के लिए यह कल्पतरू के समान है| किसी भी तरह की विषाक्तता से ग्रस्त व्यक्ति यदि इसे धारण करे तो वह इस कष्ट से मुक्ति अवश्य प्राप्त करता है| इसे धारण करने से कार्य, व्यापार आदि में बढ़ोतरी होती है| ज्योतिष अनुसार मारक ग्रह की दशा होने पर इसे धारण कर सकते है यह रक्षा कवच का कार्य करता है और व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्त हो जाता है|

लाभ:-

  1. यह रुद्राक्ष धनागमन एवम व्यापार उन्नति में अत्यंत सहायक माना गया है|
  2. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दाम्पत्य सुख की वृद्धि होती है तथा पौरुष को बढ़ाता है|
  3. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पति-पत्नी के मध्य परस्पर सहयोग एवम सम्मान तथा प्रेम की वृद्धि होती है|
  4. इसे धारण करके व्यक्ति लोभ ओर मद के भाव से मुक्त होता है|
  5. शनि द्वारा शासित होने के कारण शनि के प्रभावों से मुक्ति हेतु इसे धारण कर सकते हैं|
  6. व्यक्ति को आध्यात्मिक सुख प्रदान करता है|
  7. दुश्मनों को नष्ट करता है, यश सम्मान तथा जीवन में प्रगति लाता है|

मंत्र:- ॐ ह्रूं नम:| ॐ अनन्ताय नम:|

पहचान कैसे करे:-

  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा|
  • रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है|
  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है|
  • दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं|
  • एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा| यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
  • एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है|
  • कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है|

रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए|

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