तीन मुखी

तीन मुखी


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त्रिमुखी रुद्राक्ष साक्षात् अग्निदेव का स्वरुप है| यह स्त्री हत्या इत्यादि पापो को दूर करने वाला है| इसके धारण करने से विद्याओ की प्राप्ति होती है| मंदबुद्धि बालकों के लिए इसे धारण करना नितांत आवश्यक है|

ज्योतिष में यह रुद्राक्ष मंगल ग्रह द्वारा शासित है| ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिशक्ति के रूप में पूजा जाता है, तीन मुखी रुद्राक्ष इन्हीं त्रिशक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। इस रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति हीन भावनाओं से मुक्त होता है| इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है| इस रुद्राक्ष को पहनने से सभी रोगों से मुक्त हो जाता है तथा प्रतिद्वंदियों पर विजय प्राप्त करता है|

फायदे:-

  1. तीन मुखी रुद्राक्ष के कुछ दाने तांबे के बर्तन में पानी डाल कर भिगोए रखे| प्रत्येक 24 घंटे के अंतराल से यह रुद्राक्ष जल खाली पेट प्रातः पीने से विभिन्न चर्म रोगों के निदान में सहायता प्राप्त होती है|
  2. तीन मुखी रुद्राक्ष की माला द्वारा जप करने से यश प्राप्त होता है और कामनाए सिद्ध होती है|
  3. जो मनुष्य उच्छिष्ट अथवा अपवित्र रहते है अथवा बुरे कर्म करने वाले होते है| वे इस रुद्राक्ष को धारण करने से सभी पापो से मुक्त हो जाते है|
  4. इस रुद्राक्ष को पहनने से शुद्धता बनी रहती है व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय रहता है|
  5. इसे धारण करने से आत्मविश्वास और ऊर्जा शक्ति में वृद्धि होती है|

मंत्र:- ॐ क्लीं नम:| ॐ अग्नेय नम:|

पहचान कैसे करे:-

  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा|
  • रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा| यह परीक्षण सही माना जाता है, किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है|
  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है.
  • दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं|
  • एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा| यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी|
  • जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
  • एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है|
  • कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है|

रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए|

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