बारह मुखी

बारह मुखी


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द्वादश मुखी रुद्राक्ष को कान में धारण करने से बारहों आदित्य देव प्रसन्न होते है| उसे शस्त्रधारी लोगो, सिंग वाले जानवरों और बाघ आदि का भय नही होता, न ही आधि-व्यधि का भय होता है| इसे आदित्य रुद्राक्ष के नाम से भी जाना जाता है| इसे धारण करने से बाधाओं और सूर्य के कारण उत्पन्न रोगों से बचाव होता है| सूर्य स्वरूप होने के कारण यह व्यक्ति को शक्तिशाली तथा तेजस्वी बनाता है| इसे धारण करने से गो-वध, मानव हत्या जैसे माहापापों से मुक्ति प्राप्त होती है| बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य का ओज एवं तेज प्राप्त होता है, सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति होती है|

लाभ:-

  1. बारह मुखी रुद्राक्ष दरिद्रता को नष्ट करके सुख एवं संपत्ति प्रदान करता है|
  2. इसे इस्तेमाल करने से अश्वमेघ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है|
  3. सभी प्रकार के भयानक जंगली पशुओं से रक्षा प्राप्त होती है|
  4. बारह मुखी रुद्राक्ष समस्त बाधाओं को समाप्त कर देता है|
  5. बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार की बाधाए नष्ट होती है मानसिक एवम शारीरिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है|

मंत्र:- ॐ क्रोम क्षो रे नम:| ॐ द्वादशादित्येभ्यो नम:|

पहचान कैसे करे:-

  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा |
  • रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है |
  • रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है |
  • दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं |
  • एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा. यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है |
  • एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है |
  • क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है |
  • कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है |

रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए |

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