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नीलम रत्न
रत्नों में नीलम मोर की गर्दन के समान गहरे नीले रंग अथवा हल्के रंग का पारदर्शी रत्न होता है| इसको शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व माना जाता है| यह अनेक रंगो में पाया जाता है| इसमें गहरे रंग के नीलम दुर्लभ होते है इसलिए यह बहुत ही मूल्यवान भी होते है| इस रत्न की प्रकृति कठोर होती है| नीलम को अलग- अलग नामों से भी पुकारा जाता है जैसे कि नीलमणि, इंद्रनील मणि, तृषा ग्राही आदि| नीलम को अंग्रेजी में ब्लू सेफायर कहते है यह उस श्रेणी का है जिस श्रेणी में मणिक आता है|
लाभ:-
- यदि जन्म कुण्डली में शनि षष्टेश या अष्टमेश के साथ स्थित हो तो जातक को नीलम पहनना चाहिए यह अच्छा होता है|
- कठोर वृति के लोगो के लिए भी नीलम लाभदायक है|
- यदि किसी जातक की कुण्डली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो नीलम धारण करना अच्छा होता है|
- जो भी जातक शनि ग्रह प्रधान हो उन्हें नीलम अवश्य धारण करना चाहिए|
- यदि जन्म कुण्डली में शनि अस्त हो, वक्री हो, कमजोर हो और सुबह भावों का प्रतिनिधित्व कर रहा हो तो जातक द्वारा नीलम धारण करना शुभप्रद होता है|
- शनि की दशा अन्तर्दशा में भी नीलम धारण करना लाभदायक होता है|
- क्रूर कार्य करने वाले जातको के लिए नीलम धारण करना अच्छा होता है|
वास्तविक रत्न का परिक्षण कैसे करें
चांदनी रात में चन्द्र ज्योत्स्ना में गौर वर्णीय स्त्री हाथ में दूध भरा कटोरा लिए खड़ी हो और दूध पर नीलम का प्रकाश डाला जाए| यदि नीलम अपने प्रकाश से दूध के बर्तन और स्त्री पर नीली परछाई दर्शा दे तो वह नीलम सही होगा|
- नीलम के पास तिनका लाया जाए तो वह उससे चिपक जाता है|
- यह धूप में प्रखर होता है इससे तेज किरणें निकलती है|
- यदि पानी के गिलास में नीलम रख दिया जाए तो पानी से स्पष्ट नीली किरणें निकलती दिखाई देती है|
- नीलम दूध में रखने पर दूध नीला दिखाई देता है|
रंग- गुलाबी,रंगहीन, नारंगी, हरा, काला, पीला, बैंगनी|
कठोरता- 9.0
आपेक्षिक घनत्व- 3.99-4.00
वर्तनांक- 1.766- 1.774
चमक- नीली, कमजोर, नारंगी|