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भारतीय ज्योतिष किताब
ज्योतिष शास्त्र का विकास मानव जीवन के विकास के साथ हुआ, मनुष्य का स्वभाव जिज्ञासाओं से भरा हुआ है। वह सृष्टि की प्रत्येक घटना को अपने जीवन का तादात्मय संबंध बना कर देखता है। मानव की उपर्युक्त जिज्ञासा ने ही उसे ज्योतिष शास्त्र के प्रति गंभीर किया। आदि-मानव ने आकाश की प्रयोगशाला के सामने आने वाले ग्रह, नक्षत्र और तारों के समूह के रहस्यों का पता लगाने तथा जीवन का संबंध स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय ज्योतिष मूलतः ज्योतिष विज्ञान का आधार है। सभी विद्याएँ भारतीय ज्योतिष के मूल से ही बनी है। समय की मांग को देखते हुए इस पुस्तक का विवेचन किया गया हैं। इस पुस्तक ने विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए गागर में सागर भरने का काम किया है।
जो विद्यार्थी ज्योतिष के क्षेत्र में अपना भविष्य का निर्माण करना चाहते है, उनके लिए ये पुस्तक ग्रह, नक्षत्र, राशियों, भावों, योग, अष्टकवर्ग, षोडश वर्ग, लग्न निकालना, मांगलिक विचार, साढ़ेसाती जैसे अनेकों विचार प्रस्तुत किये है। डॉ. यज्ञदत्त शर्मा जी ने ज्योतिष व और भी अन्य विषयों की पुस्तकों का विवेचन किया है, जो आज के क्षेत्र में समाज को नई दिशा दे रही है।
Technical Specifications | |
Publisher | IIAG JYOTISH SANSTHAN |
Language | Hindi |
Item Dimensions LxWxH | 23.1 x 19.3 x 1.8 Centimeters |
Item Weight | 650g |
Binding | Paperback |
Model No. | BO01IIAG00BJ |
ISBN | 978-81-958103-0-7 |
Net Quantity | Pack of 1 |
No. of Pages | 257 |
Country of Origin | India |