-
Your shopping cart is empty!
नौ मुखी
यह रुद्राक्ष नवशक्ति से सम्पन्न है इसकी इष्ट देवि भगवती दुर्गा है इससे धारक को चारों धाम व समस्त तीर्थो का फल प्राप्त होता है इससे धर्मराज का स्वरुप माना जाता है| इसे धारण करने से वीरता, साहस और कर्मठता में वृद्धि होती है| इसे आकसिम्क घटनाओ से बचाव तथा अशुभ केतु से संबंधित दोषों की शांति हेतु धारण किया जाता है| इस रुद्राक्ष को धारण करने से शक्ति का आशीर्वाद एवं सानिध्य प्राप्त होता है| इसका उपयोग करने से सहनशीलता एवं साहस में वृद्धि होती है|
लाभ:-
- नौमुखी रुद्राक्ष धारण करने से तांत्रिक सिद्धियाँ शीघ्र प्राप्त होती है तथा तंत्र क्षेत्र का ज्ञान बढ़ता है|
- नौमुखी रुद्राक्ष को बायीं भुजा पर धारण करने से व्यक्ति को भैरवसिद्धि प्राप्त होती है तथा वह व्यक्ति तन, मन से सदा पवित्र रहता है|
- नौमुखी रुद्राक्ष की माला पर नवरात्रि में नवार्णमंत्र का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है एवम माँ भगवती की कृपा होती है|
- इसे उपयोग में लाने से व्यापार एवं व्यवसाय में वृद्धि होती है तथा शत्रुओं का नाश होता है|
- इसे पहनने से अकाल-मृत्यु का भय भी समाप्त होता है|
- नौ मुखी रुद्राक्ष का सत्तारुढ़ ग्रह केतु है अत: यह केतु के बुरे प्रभावों से मुक्त करता है|
- इसे उपयोग में लाने से व्यक्ति के भीतर शक्ति का संचार होता है, कर्मठता तथा आत्मविश्वास में इज़ाफा होता है|
मंत्र:- ॐ महाभैरवाय नम:| ॐ ह्रीं ह्रूं नम:|
पहचान कैसे करे:-
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा|
- रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है|
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है|
- दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं|
- एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा. यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
- एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है|
- क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है|
- कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है|
रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए|