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दस मुखी
यह भगवान विष्णु का स्वरुप है इसके देवता भवन विष्णु है इससे सर्व ग्रहशांत होते है| बाधा के कारण यदि भाग्य साथ न दे तो अवश्य धारण करे यह धारक को बेताल, पिसाच, ब्रह्मा, राक्षस आदि के भय से निर्भयता प्रदान करता है| इस दशममुखी रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से व्यक्ति समाज में सम्मान और कीर्ति प्राप्त करता है| इसे धारण करने से व्यक्ति के सभी भय का नाश होता है तथा उसे सुख एवं सम्पत्ति की प्राप्ति होती है| इस रुद्राक्ष में भगवान विष्णु के दस अवतारों की शक्तियां समाई हुई हैं|
लाभ:-
- धन, प्रतिष्ठा को देने वाला यह दशम मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति की सभी कामनाएँ पूर्ण करता है|
- यह विघ्न-बाधाओं को दूर करके समस्त विपत्तियों का नाश करता है|
- दस मुखी रुद्राक्ष तंत्र- मंत्र के बूरे प्रभावों से मुक्त करता है इसे धारण करने से धारक को दिव्य शक्तियां प्राप्त होती हैं|
- व्यक्ति भूत , पिशाच जैसी बुरी बाधाओं से मुक्त रहता है|
- इस रूद्राक्ष की पूजा करने से गृह शांति प्राप्त होती है|
- राजकीय कार्यो में सफलता मिलती है राजनैतिक क्षेत्र में प्रतिष्टा मिलती है|
- दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दशो इन्द्रियों से किया गया पाप नष्ट होता है तथा पुण्य का उदय होता है|
- दस मुखी रुद्राक्ष समाजसेवक, वकील, नेता, कलाकार, कवि, लेखक, कृषक आदि के लिए धारण करना लाभदायक माना जाता है|
मंत्र:- ॐ नमो नारायणाय| ॐ ह्रीं ह्रूं नम:
पहचान कैसे करे:-
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा|
- रुद्राक्ष को काटने पर यदि उसके भीतर उतने ही घेर दिखाई दें जितने की बाहर हैं तो यह असली रुद्राक्ष होगा. यह परीक्षण सही माना जाता है,किंतु इसका नकारात्मक पहलू यह है कि रुद्राक्ष नष्ट हो जाता है|
- रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे किसी नुकिली वस्तु द्वारा कुरेदें यदि उसमे से रेशा निकले तो समझें की रुद्राक्ष असली है|
- दो असली रुद्राक्षों की उपरी सतह यानि के पठार समान नहीं होती किंतु नकली रुद्राक्ष के पठार समान होते हैं|
- एक अन्य उपाय है कि रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर यह डूब जाए, तो असली होगा. यदि नहीं डूबता तो नकली लेकिन यह जांच उपयोगी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
- एक अन्य उपयोग द्वारा रुद्राक्ष के मनके को तांबे के दो सिक्कों के बीच में रखा जाए, तो थोड़ा सा हिल जाता है|
- क्योंकि रुद्राक्ष में चुंबकत्व होता है जिस की वजह से ऐसा होता है|
- कहा जाता है कि दोनो अंगुठों के नाखूनों के बीच में रुद्राक्ष को रखें यदि वह घुमता है तो असली होगा अन्यथा नकली परंतु यह तरीका भी सही नही है|
रुद्राक्ष को खरीदने से पहले कुछ मूलभूत बातों का अवश्य ध्यान रखें जैसे की रुद्राक्ष में किडा़ न लगा हो, टूटा-फूटा न हो, पूर्ण गोल न हो, जो रुद्राक्ष छिद्र करते हुए फट जाए इत्यादि रुद्राक्षों को धारण नहीं करना चाहिए |