
देवउठनी
एकादशी पर क्या करें या क्या नही करें ?
एकादशी इस बार 4 नवंबर, 2022 को है। इस दिन
भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागृत होते हैं। ऐसे में जगत के पालनहार के
जागते ही 4 महीनों से रुके हुए सभी तरह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो
जाएंगे। धार्मिक मान्यता है कि सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली इस
एकादशी का व्रत करने वालों को स्वर्ग और बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
देवउठनी
एकादशी व्रत में क्या करें?
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इस दिन
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
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मान्यता के
अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक
अवश्य जलाना चाहिए।
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देवउठनी एकादशी
के दिन भगवान विष्णु के नाम का कीर्तन भी करना चाहिए।
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इस दिन निर्जला
व्रत रखना चाहिए।
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साथ ही, देवउठनी एकादशी के दिन किसी गरीब और गाय को भोजन अवश्य कराना
चाहिए।
देवउठनी एकादशी
व्रत में क्या न करें?
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हिंदू
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
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देवउठनी एकादशी
वाले दिन पर किसी अन्य के द्वारा दिया गया भोजन नहीं करना चाहिए।
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साथ ही, एकादशी पर मन में किसी के प्रति विकार नहीं उत्पन्न करना चाहिए ।
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देवउठनी एकादशी
पर गोभी, पालक, शलजम आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
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देवउठनी एकादशी
का व्रत रखने वाले व्यक्ति को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
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एकादशी वाले
दिन पर बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए।
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एकादशी वाले
दिन पर संयम और सरल जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।
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इस दिन कम से
कम बोलने की किसी कोशिश करनी चाहिए। साथ ही, भूल से भी किसी को कड़वी बातें नहीं बोलनी चाहिए।